vachya for class 10 with example and trick .vachya parivartan

 

 वाच्य 



परिभाषा: वाच्य का शाब्दिक अर्थ है-बोलने का विषय|वाच्य क्रिया का एक रूप हैं क्रिया के जिस रूप से पता चलता है कि वाक्य में करता, कर्म ,अथवा भाव में से किसकी प्रधानता हैं

वाच्य 3 प्रकार के होते है-

1. कर्तृवाच्य।
2. कर्मवाच्य।
3. भाववाच्य।




कर्तृवाच्य (ACTIVE VOICE)

परिभाषा: जिस वाच्य में करता प्रधान होता है और क्रिया का लिंग,वचन,एवं पुरुष कर्ता के अनुसार चलते हैं , उसे कर्तृवाच्य  कहते हैं

कर्तृवाच्य में सकर्मक और अकर्मक में से किसी भी क्रिया का प्रयोग होता है


TRICK:
  जब करता के बाद या तो न हो अथवा कोई करक न हो तब कर्तृवाच्य  होता है |
           करता   +     ने      =     कर्तृवाच्य 
           करता   +      शून्य करक( कोई करक न हो)  =कर्तृवाच्य 

उदहारण:
में कहानी लिखता हूँ
हम गाना गा रहे हैं
राम से पुस्तक पढ़ी जाती है।
मोहन से साइकिल चलाई जाती है।


 कर्मवाच्य (PASSIVE VOICE)

परिभाषा: जिस वाच्य में कर्म प्रधान होता है और क्रिया का लिंग,वचन,एवं पुरुष कर्म के अनुसार चलते हैं ,उसे कर्मवाच्य  कहते हैं|

TRICK:        करता   + के द्वारा = कर्मवाच्य
                           करता (निर्जीव हो)  = कर्मवाच्य

कर्मवाच्य में सिर्फ सकर्मक क्रिया का ही प्रयोग होता है

उदहारण  :
पतंग उड़ रही हैं |                      (इसमें पतंग निर्जीव है) 
सड़क बन रही हैं|                     (इसमें सड़क निर्जीव है)
किसान के द्वारा खेत जोता जाता हैं
कवियों द्वारा कविताएँ लिखी गई।

भाववाच्य(Quote Voice)

परिभाषा: जिस वाच्य में भाव प्रधान होता है और क्रिया का लिंग,वचन,एवं पुरुष  भाव के अनुसार चलते हैं , उसे भाववाच्य कहते हैं |

भाववाच्य में सिर्फ अकर्मक क्रिया का ही प्रयोग होता है



TRICK:     करता   +  से (नहीं ) = भाववाच्य

उदहारण:
रोगी से बैठा नहीं जाता |
बालक से पढ़ा नहीं जाता  |
आज मिलकर पढ़ा जाये  |

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